पुनाराम साहू फूल जानकारी अंधियारखोर Punaram Sahu Full Information Andhiyarkhor

पुनाराम साहू ( Punaram Sahu )

पता :- वार्ड नंबर 04 बाबूलाल फैमिली पुनाराम साहू अंधियारखोर नवागढ़ बेमेतरा (छ.ग) 491337

शिक्षा :- शासकीय प्राथमिक शाला तोरा  ( पहली.-5वी. )

:- शासकीय माध्यमिक शाला तोरा ( 6वी.-8वी. )

:- शासकीय हायर सेकंड्री स्कूल अंधियारखोर ( 9वी.-12वी. )

:- विडियो एडिटिंग फोटो एडिटिंग

:- पोस्टर बेनर कोरेल और ऑनलाइन सॉफ्टवेयर

:- कंप्यूटर सभी बैसिक जानकारी

परिचय

पुनाराम साहू का जन्म 18-08-1996 में ग्राम तोरा में हुआ था, जो पुनाराम मामा गाँव में हुआ था |

पुनाराम सर शुरुआत मेंशिक्षा के छेत्र में कमजोर था लेकिन जैसे – जैसे समय बीतता गया तो कुछ कर दिखाने का जूनून छाने लगा लेकिन उनके पास कुछ नहीं था लेकिन जो बढ़ना चाहता है उसे रोक कौन सकता है सभी के जीवन में उतर – चढाव आता जाता रहता है लेकिन सभी स्थिति में पुनाराम सर स्ट्रोंग बने रहे कुछ टाइम के लिए वे खेत में काम किये लेकिन कुछ टाइम के लिए ही काम किये इसके बाद वे कंप्यूटर के छेत्र में सीखने के साथ –साथ अपना काम चालू किया लगभग दो वर्ष तक कंप्यूटर के छेत्र में काम किया  फिर वहा भी उनको आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिला सर बारहवी के पढाई बस पूरा किया लेकिन आगे की पढाई भी करना नहीं चाहते  थे I

तभी सर को सेफ शॉप डायरेक्ट सेलिंग कंपनी मिला जिसमे सर काम करते रहे लेकिन परिवार को कहा संभाल पाते इसीलिए शुरुआत में जॉब करना चालू कियालगभग दो वर्ष जॉब करने के बाद ऑनलाइन के दुनिया में भी कुछ पकड़ बनाये थे उनके साथ – साथ ही सर शिक्षक के रूप में काम किया फिर सर को जॉब करते – करते समझ आ गया की जॉब से सिर्फ परिवार चल सकता है जिंदगी जीने के लिए बिजनेश करना होगा सर को नेटवर्क का मतलब समझ आ गया था लेकिन सर जॉब की दुनिया में बन्ध चुके थे I

निकले में परिशानी हुआ लेकिन ऑनलाइन के दुनिया में कुछ करने का हुनर भी था सर का सपना एक कंप्यूटर सेंटर चालू करने का था लेकिन सर ने वेबसाइट गूगल के दुनिया में पकड़ के साथ पैसे कमाना शुरुआत कर दिया था सर में अपने जिंदगी में स्ट्रगल बहोत किया था सर को सबसे ज्यादा परिस्थिति से ही सब सीखना अच्छा लगता था I

लेकिन काम करने के साथ – साथ सर ने कई बड़े – बड़े लोगो से मुलाकात करके बात किया की सफलता का सूत्र मिल जाये लेकिन सफलता कहा मिलता है सफलता का सूत्र सिर्फ मेहनत होता है सफलता जिन्दगी की कहानी हो सकती है लेकिन सफलता कही पहोच कर रुक जाना नहीं है मतलब सर कहते है की आप जो चाहते है वो पा जाना सफलता है लेकिन रियल में ये सफलता हो ही नहीं सकता |

सर ने सेफ शॉप कंपनी में आज भी काम करते है सर ने बहोत पैसे कमाए लेकिन सही जगह से पैसे नहीं कमाए बाहरी जिंदगी से लगभग (एक सी. आर.) तक पहुच गए थे तीन वर्ष में लेकिन सभी जिजो को मैनेज करने में दिक्कत होती है सभी चीजो जो मैनेज किया और आगे बढ़ना फिर शुरुआत किया पुनाराम सर 2024-2027 तक जॉब करने के सोच कर आगे बाद रहे है सर के साथ कई फ्रोड हुए लेकिन रुके नहीं सीखते चले गए ३५०० रू. के किराये पर रहना और खाना बनाना और परिवार में भी पकड़ बनाना |

भाषा :- सर का भाषा हिंदी और अंग्रेजी था लेकिन अंग्रेजी उतना अच्छा नहीं था फिर भी शिक्षक के रूप में भी काम किया तो अंग्रेजी और हिंदी बोलते थे और पंजाबी और भोजपुरी भाषा का ज्ञान था |

भूमिका

  • रायपुर में लगभग ६५-८० बच्चो को जॉब करने के लायक बनाया और उनके बाद भी आर्थिक (पैसे) के छेत्र में भी लोगो मदद किया लेकिन सर को उतना सफलता प्राप्त नहीं हुआ सर ने ठान लिया की उसे सिर्फ बिजनेश करना है |
  • सर ने सरकारी जॉब के तयारी करने वाले कोचिंग संस्थान में काम किया था सर को पता था की सरकारी जॉब की तयारी कैसे किया जाता है सभी सरकारी जॉब की तयारी जैसे चीजो में सर जानकारी रख कर जॉब छोड़ दिया |

समाज पर प्रभाव

  • समाज पर बिजनेश करने वाले व्यक्ति पर बहोत प्रभाव पड़ता है लेकिन जॉब के साथ बिजनेश करे तो ज्यादा दिक्कत नहीं होती |
  • सर अपना जॉब के साथ अपने दिमाग को कण्ट्रोल होने नहीं दिया |
Punaram Sahu

Address :- Ward No. 04 Babulal Family Punaram Sahu Andhiarkhor Nawagarh Bemetara (Chhattisgarh) 491337
Education :- Government Primary School Tora (1st-5th)
:- Government Middle School Tora (6th-8th)
:- Government Higher Secondary School Andhiarkhor (9th-12th)
:- Video Editing Photo Editing
:- Poster Banner Corel and Online Software
:- computer all basic information

Introduction

Punaram Sahu was born on 18-08-1996 in village Tora, which was born in Punaram Mama village. Punaram Sir was weak in the field of education in the beginning but as time passed by, the passion to do something started spreading but he had nothing, but who can stop the one who wants to grow, everyone’s life keeps on going through ups and downs.

Lives but in all situation Punaram sir remained strong, for some time he worked in the field but worked only for some time, after that he started his work along with learning in the field of computer for about two years. Worked in the field, even then he could not find a way to move forward. Sir, he just completed his 12th standard but did not want to do further studies, then he got a safe shop direct selling company, in which he continued to work, but where could he manage his family? That’s why initially started doing job, after doing job for about two years,

had made some hold in the online world as well with them – worked as head teacher, then while doing job to head – understood that only family from job Sir had understood the meaning of network, but Sir was tied up in the world of job, but he had the skill to do something in the online world. Sir’s dream is to start a computer center. Wanted to do but Sir had started earning money by grasping the world of website Google.

Sir had done a lot of struggle in his life. After meeting many big people, talked about finding the formula of success, but where is the success found, the formula of success is only hard work, success can be the story of life, but success does not stop after reaching somewhere, means Sir says that you Getting what you want is success, but it cannot be a success in reality.

Sir still working in safe shop company Sir earned lot of money but didn’t earn money from right place from outside life almost reached (one CR) in three years but all jijo have problem in managing Have managed all the things and started moving forward again Punaram Sir thinking of doing job till 2024-2027 kept moving forward with Sir many frauds happened but did not stop and went on learning Rs.3500. Living and cooking on rent and also holding in the family.


Language :- Sir’s language was Hindi and English but English was not that good, still worked as a teacher, spoke English and Hindi and had knowledge of Punjabi and Bhojpuri languages.

Role

About 65-80 children were made capable of doing jobs in Raipur and even after that they helped people in the field of finance, but Sir did not get that much success, Sir decided that he has to do business only.
Sir had worked in a coaching institute for the preparation of government jobs. Sir knew how to prepare for government jobs. He left the job keeping all the information about government job preparation.

Impact on Society

There is a lot of impact on the society on the person doing business, but if he does business along with the job then there is not much problem.
Sir did not let my mind be controlled with my job.

PUNARAM SAHU

PUNARAM SAHU CSIC PUNARAM SAHU ANDHIYARKHOR

mobile : 7509018151

Gmail.com : – Sahupunaram35@gmail.com

 

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