छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजाति विवाह

 छत्तीसगढ़ की जनजाति की विवाह के पद्धति

Types of Marriage in Sanatan Dharma hindus | Sanatan Dharma Marriages:  सनातन धर्म में है 8 तरह के विवाहों का वर्णन, इस पद्धति को माना जाता है  सर्वश्रेष्ठ; जानते हैं क्यों

1. हठ विवाह (दुकु, पैठुल

इस विवाह में लड़की अपने पसंद के लड़के के घर जाकर बैठ जाती हैं तथा तब तक नहीं जाती जब तक उस लड़के के माता-पिता स्वीकार नहीं कर लेते। अंततः इनका विवाह करा दिया जाता हैं।

  • कोरवा जनजाति में             –           दुकु
  • बैगा जनजाति में                –           पैतुल ।

2. सेवा विवाह (लमसेना जाना) –

जब वर पारिंगधन देने में असमर्थ होता है तब वह अपने होने वाले ससुर के घर जाकर सेवक के रूप में कार्य करता है, तत्पश्चात् विवाह सम्पन्न होता हैं। बैगा जनजाति में ऐसे वर को लमसेना कहते हैं तथा विवाह की इस प्रक्रिया को लमसेना जाना कहते हैं।

  • बैगा जनजाति में                –           लमसेना जाना ।
  • गोड़ जनजाति में                –           चरघिया (वर को लमानाई कहते हैं।)
  • कंवर जनजाति में               –           घरजन ।
  • बिंझवार जनजाति में           –           घरजिया ।

3. अपहरण विवाह (पायसोतुर) –

लड़की के माता- पिता का विवाह में सहमति न होने पर लड़का लड़की का अपहरण करके उससे विवाह कर लेता। हैं। बाद में समाज में इन्हें वापस बुलाकर विधिमान्य तौर पर इनका विवाह करा दिया जाता हैं। स्वीकृति हेतु लड़के के परिवहन को जाति भोज देना पड़ता हैं।

  • गोंड़ जनजाति में                –           पायसोत्तुर ।

4. विनिमय विवाह (गुरांवट) –

इसमें दो परिवारों के बीच में विवाह संपन्न होता है, जिसमें एक परिवार के भाई बहिन का शादी दूसरे परिवार के बहिन भाई से कर दी जाती हैं। इस विवाह में पारिंगधन नहीं देना पड़ता हैं। लगभग सभी जनजातियों में यह विवाह प्रचलित है।

  • बिरहोर जनजाति में            –           गोलत विवाह ।

5. क्रय विवाह (पारिंगधन) –

इस विवाह पद्धति में वर को वधूमुल्य देना पड़ता है। इस वधू को पारिंगधन कहा जाता हैं। कुछ जनजातियों में पारिंगधन के साथ साथ पशु देने की भी परम्परा हैं । लगभग सभी जनजातियों में यह विवाह प्रचलित हैं।

6. प्रेम विवाह (गंधर्व, भगेली, उदरिया) –

गंधर्व / उरिया विवाह (परजा) इस विवाह में लड़का-लड़की एक-दूसरे को पसंद करते हैं तथा माता-पिता के सहमति न होने पर साथ में पलायन कर जाते हैं और विवाह कर लेते हैं।

भगेली विवाह (गोंड) लड़की भागकर लड़के के घर के छपरी के नीचे खड़ी हो जाती हैं, तब लड़का एक लोटा पानी छप्पर के ऊपर डालता है, जिसका पानी लड़की अपने सिर के ऊपर लेती हैं उसके पश्चात् लड़के की माँ उसे अंदर लेकर आती हैं। उसके पश्चात् रात्रि में ही मड़वा गाड़कर उनका भांवर कराकर विवाह सम्पन्न कराया जाता हैं।

7. दुग्ध लौटावा (गोंड़)

इस विवाह में लड़की की शादी न होने पर उसकी शादी ममेरे या फुफेरे भाई से कर दी जाती हैं।

8. पोटा विवाह (कोरकु) –

जब कोई विवाहित स्त्री अपने पति से अधिक सम्पन्न व्यक्ति के साथ चले जाती हैं और विवाह कर लेती हैं, तो उसे पोटा विवाह कहते हैं। यह एक पुनर्विवाह पद्धति हैं।

Leave a Comment

Stay informed about the latest government job updates with our Sarkari Job Update website. We provide timely and accurate information on upcoming government job vacancies, application deadlines, exam schedules, and more.

Categories

CGPSC

UPSC

C-SET

MATH’S

MAINS