सरगुजा संभाग में 6 जिले है
Manendragarh Chirmiri Bharatpur
Koriya
Surajpur
Balrampur
Surguja
Jashpur
सरगुजा संभाग के जिले वाइस जानकारी:
- मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर:
जिला मुख्यालय: मनेंद्रगढ़
क्षेत्रफल: 5,353 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 9.32 लाख
प्रमुख उद्योग: कोयला खनन और ऊर्जा उत्पादन
- कोरिया:
जिला मुख्यालय: बैकुंठपुर
क्षेत्रफल: 6,578 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 6.66 लाख
प्रमुख उद्योग: कृषि, पर्यटन और लघु उद्योग
- सूरजपुर:
जिला मुख्यालय: सूरजपुर
क्षेत्रफल: 5,760 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 6.57 लाख
प्रमुख उद्योग: कृषि, वानिकी और लघु उद्योग
- बलरामपुर-रामानुजगंज:
जिला मुख्यालय: बलरामपुर
क्षेत्रफल: 3,806 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 5.39 लाख
प्रमुख उद्योग: कोयला खनन और ऊर्जा उत्पादन
- सरगुजा:
जिला मुख्यालय: अंबिकापुर
क्षेत्रफल: 16,275 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 11.85 लाख
प्रमुख उद्योग: कृषि, पर्यटन और लघु उद्योग
- जाशपुर:
जिला मुख्यालय: जाशपुर
क्षेत्रफल: 5,848 वर्ग किमी
जनसंख्या: लगभग 10.33 लाख
प्रमुख उद्योग: कृषि, वानिकी और लघु उद्योग
सरगुजा संभाग के राजाओ के नाम और कब बना प्रमुख नदियाँ:प्रमुख नदियाँ:खनिज संसाधन:कृषि:पर्यटन स्थल:यातायात:शिक्षा:स्वास्थ्य सेवा:अर्थव्यवस्था: राजवंश और राजा
- कलचुरी राजवंश (7वीं-8वीं शताब्दी ई.)
- जज्जल्लदेव प्रथम (राजधानी: कोटपुर)
- चंदेल राजवंश (9वीं-11वीं शताब्दी ई.)
- विद्याधर वर्मा
- काकतीय राजवंश (12वीं-13वीं शताब्दी ई.)
- रुद्रदेव
- सरगुजा राज्य (18वीं-19वीं शताब्दी ई.)
- महाराजा राम सिंह
- महाराजा अमर सिंह
प्रमुख नदियाँ
महानदी
शिवनाथ नदी
कुसमी नदी
सोंढूर नदी
खनिज संसाधन
कोयला
लोहा अयस्क
बॉक्साइट
मैंगनीज
ग्रेफाइट
कृषि
मुख्य फसलें: चावल, गेहूं, मक्का, दालें
वाणिज्यिक फसलें: तिलहन, कपास, गन्ना
पर्यटन स्थल
रामगढ़ पहाड़ी मंदिर
शिवनाथ नदी
लखनपुर पैलेस
चंडी मंदिर
यातायात
हवाई अड्डा: अंबिकापुर हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन: अंबिकापुर, कोरबा, मनेन्द्रगढ़
सड़क परिवहन: राष्ट्रीय राजमार्ग 43, राज्य राजमार्ग 11
शिक्षा
सरगुजा विश्वविद्यालय, अंबिकापुर
रामानुजन कॉलेज, अंबिकापुर
स्वास्थ्य सेवा
सरगुजा मेडिकल कॉलेज, अंबिकापुर
जिला अस्पताल, अंबिकापुर
अर्थव्यवस्था
कृषि पर निर्भरता
खनन
वानिकी
पर्यटन
सरगुजा संभाग की विशेषता क्या है 1000 शब्द में सरगुजा संभाग: आकर्षक जनजातीय विरासत और प्राकृतिक सुंदरता का संगम
छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित सरगुजा संभाग भारत की एक विविध और आकर्षक क्षेत्र है। इसके विस्तृत जंगलों, प्राचीन पहाड़ियों, नदियों और झरनों के साथ-साथ समृद्ध जनजातीय विरासत और जीवंत संस्कृति ने इसे पर्यटकों और साहसिक चाहने वालों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य बना दिया है।
भौगोलिक विशेषताएं:
सरगुजा संभाग विंध्या और सतपुड़ा पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग 35,000 वर्ग किलोमीटर है। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संभाग है। इसमें सात जिले शामिल हैं: सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर, बलौदा बाजार और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर।
संभाग की सबसे प्रमुख भौगोलिक विशेषता रीवा पठार है, जो दक्कन पठार का एक विस्तार है। पठार की औसत ऊंचाई लगभग 600 मीटर है, और यह विस्तृत घाटियों और नदी घाटियों द्वारा विभाजित है।
माइकल जॉन लेवन द्वारा खोजी गई मितानी गुफाएं सरगुजा संभाग के प्राकृतिक चमत्कारों में से एक हैं। ये गुफाएं नदी के किनारे पर स्थित हैं और उनके अंदर शानदार स्टैलेक्टाइट और स्टैलेग्माइट फॉर्मेशन हैं।
जनजातीय विरासत:
सरगुजा संभाग अपनी समृद्ध जनजातीय विरासत के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में 20 से अधिक जनजातियां निवास करती हैं, जिनमें गोंड, बैगा, ओरांव, कोरवा और सांटल शामिल हैं। ये जनजातियां अपनी विशिष्ट भाषाओं, परंपराओं और कला रूपों को संरक्षित करती हैं।
गोंड जनजाति इस क्षेत्र की सबसे बड़ी जनजाति है। वे पारंपरिक रूप से कृषि और शिकार पर निर्भर हैं। गोंड अपनी विस्तृत मिट्टी की कला, लकड़ी की नक्काशी और नृत्य प्रदर्शनों के लिए जाने जाते हैं।
बैगा जनजाति एक अर्ध-खानाबदोश जनजाति है जो जंगलों में रहती है। वे शिकार और जंगली पौधों को इकट्ठा करने पर निर्भर हैं। बैगा अपनी प्राचीन औषधीय ज्ञान और जंगल के पारंपरिक संरक्षक के रूप में जाने जाते हैं।
सांस्कृतिक आकर्षण:
सरगुजा संभाग में कई सांस्कृतिक आकर्षण हैं जो इसकी समृद्ध विरासत का प्रदर्शन करते हैं।
शीतला मंदिर: सरगुजा जिले में स्थित, शीतला मंदिर एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है। यह माना जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से शीतला देवी, चेचक की देवी को प्रसन्न करती हैं।
जगदलपुर किला: जशपुर जिले में स्थित, जगदलपुर किला 17वीं शताब्दी का एक ऐतिहासिक किला है। यह अब एक संग्रहालय है जो क्षेत्र के इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
बरदा ग्रामीण संग्रहालय: सरगुजा जिले में स्थित, बरदा ग्रामीण संग्रहालय क्षेत्र की जनजातीय विरासत और जीवन शैली को संरक्षित करता है। संग्रहालय में पारंपरिक घरों, कृषि उपकरणों और हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया गया है।
प्राकृतिक आकर्षण:
सरगुजा संभाग अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान: भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान सरगुजा और बस्तर संभागों में फैला हुआ है। यह घना वनस्पति, चूना पत्थर की गुफाओं और झरनों के लिए जाना जाता है।
चिर्मिरी झरना: कोरिया जिले में स्थित, चिर्मिरी झरना 30 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। यह अपने सुंदर परिवेश और पिकनिक के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।
बालमदेवपुर झील: बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में स्थित, बालमदेवपुर झील एक मानव निर्मित झील है। यह अपनी नौका विहार और मनोरंजक गतिविधियों के लिए जानी जाती है।
साहसिक गतिविधियां:
सरगुजा संभाग साहसिक चाहने वालों के लिए रोमांचक गतिविधियों की एक श्रृंखला प्रदान करता है।
ट्रेकिंग: कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ट्रेकिंग के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। पर्यटक गुफाओं, झरनों और घने जंगलों का पता लगा सकते हैं।
वाटर स्पोर्ट्स: बालमदेवपुर झील और अन्य जल निकाय वाटर स्पोर्ट्स जैसे नौका विहार, कयाकिंग और जेट स्कीइंग के लिए अवसर प्रदान करते हैं।
पाराग्लाइडिंग: कोरिया जिले में चिर्मिरी झरने के ऊपर पाराग्लाइडिंग का आनंद लिया जा सकता है। यह गतिविधि लुभावने दृश्यों और रोमांच का मिश्रण प्रदान करती है।
पर्यटन सुविधाएं:
सरगुजा संभाग पर्यटकों के लिए अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और इसमें आवास और परिवहन की पर्याप्त सुविधाएं हैं।
हवाई संपर्क: अंबिकापुर एयरपोर्ट संभाग को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।
रेल संपर्क: सरगुजा जिले के बिरसा मुंडा रेलवे स्टेशन को देश के प्रमुख शहरों से रेल द्वारा जोड़ा गया है।
सड़क संपर्क: सरगुजा संभाग राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष:
सरगुजा संभाग एक आकर्षक क्षेत्र है जो अपनी समृद्ध जनजातीय विरासत, प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक गतिविधियों के अवसरों का मिश्रण प्रदान करता है। इसकी प्राचीन गुफाओं, शानदार झरनों और विविध जनजातियों के साथ, यह उन पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य है जो भारत की अनूठी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का अनुभव करना चाहते हैं।